Welcome at Ladnun, Rajasthan

पधारो म्हारो देश।।

जय BPHO।। जय राजस्थान 

Welcome at Ladnun, Rajasthan

भारतीय प्रजापति हीरोज ऑर्गेनाइजेशन के 11 वे राष्ट्रीय स्थापना दिवस समारोह पर आप सभी हीरोज साथी सादर आमंत्रित।

हीरोज संगठन बनाने की आवश्यकता क्यों पड़ी

हीरोज संगठन बनाने की आवश्यकता क्यों पड़ी
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आज अकसर हमें यह बात हर कहीं सुनने को मिल जायेगी कि जब समाज में इतने संगठन पहले से बने हुए है तो एक और नया संगठन बनाने की क्या आवश्यकता है।
यह सही भी है कि जब हीरोज की स्थापना की गई तब  देश में प्रजापति समाज के राष्ट्रीय स्तर पर चार से पांच संगठन पहले से मौजूद थे। पर संगठनों का होना तब तक कोई मायने नहीं रखता जब तक वे आम समाजी की पहुंच में नहीं हो और आम समाजी के कोई काम नहीं आए।

आप हम में कई लोग ऐसे होंगे जो सामाजिक कार्यों में रुचि तो रखते थे पर उन्हें कोई ऐसा प्लेटफार्म नहीं मिला जिसके माध्यम से वे सामाजिक कार्य कर सके। क्योंकि जो संगठन वर्षों से बने हुए थे उनका काम बड़े लोगों से संपर्क बनाना, अपनी पद पिपासा को शांत करना,और अपने निजी कार्य सिद्ध करना मात्र था। उन्होंने कभी आम समाजी को न अपने संगठनों से जोड़ा और न आम समाजी की तकलीफों को दूर करने और समाज के सामाजिक,व्यवसायिक,राजनैतिक ,शैक्षणिक या रोजगार के लिए कोई प्रयास किए।

दो हजार ग्यारह,बारह , तेरह के सालों में सोसल मीडिया का प्रसार हुआ। समाज के लोग सोसल मीडिया के माध्यम से आपस में जुड़ने लगे। सामाजिक गतिविधियों की खबरों का आदान प्रदान होने लगा तो विभिन्न सामाजिक संगठनों की भी कलईयां खुलने लगी।उनके अंतरद्वंद सार्वजनिक होने लगे। रोज के आपसी झगड़े खुलकर सोसल मीडिया में दुनियां के सामने उजागर हुए तो उन संगठनों की असलियत से सब लोग परिचित भी हुए।

ऐसे में हमारे कुछ साथी जो आज इस संगठन के संस्थापकों के रूप में आपके समक्ष है उन्होंने सोसल मीडिया पर आ रहे ऐसे समाचारों पर दुख व्यक्त करते हुए। समाज को एक साफ स्वच्छ शिक्षित और सकारात्मक सोच का संगठन देने का निश्चय किया। और सोसल मीडिया पर ही इस तरह की सोच के आठ दस लोगों ने मिलकर राष्ट्रीय स्तर पर यह संगठन बनाना सुनिश्चित किया। जिसकी रूपरेखा, नाम, लोगो आदि तैयार करने का सौभाग्य मुझे मिला। हमने संपर्क बढ़ाने शुरू किए और तीन महीने के अंदर अंदर समान सोच के पच्चीस तीस साथी हमें देशभर से मिल गए।

सर्वप्रथम हमने उन सब के साथ "प्रजापति हीरोज" नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जिसका लोगों मेरे द्वारा सुझाए अनुसार हमारे सबसे छोटी उम्र के संस्थापक साथी होशियार सिंह प्रजापति जी सोहना नूह हरियाणा ने बनाया जो एक अखबार में इमेज डिजाइनर थे।

हीरोज की गतिविधियां और कार्य प्रणाली
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क्योंकि हमारे कोई भी साथी एक दूसरे से रूबरू नहीं मिले हुए थे तो गठन होने के बाद सभी ने एक राष्ट्रीय स्तरीय सम्मेलन कर मिलने का कार्यक्रम बनाया । जिसके लिए देश के सभी राज्यों के लोग जहां निवास करते हो ऐसे शहर सूरत को हमने इस कार्यक्रम के लिए चुना।

उस समय तक हीरोज में सूरत से कोई सदस्य नहीं था। लेकिन हमारी सोसल मीडिया पर सामाजिक चिंतन की पोस्ट्स देश भर के लोग देखते थे जिसकी कमान मैने, आदरणीय के डी सिंह जी व दिनेश भाई भोपाल ने संभाल रखी थी। उसे देखकर श्री पंकज कुम्भार सूरत ने इस आयोजन की व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी उठाने का प्रस्ताव हमें दिया। हमने सूरत में आयोजन की तिथि की घोषणा कर दी। वहां हमें कई नए साथी मिले जिनसे संगठन और मजबूत हुआ। उसके चार महीने बाद ही हमने दूसरा राष्ट्रीय स्तरीय सम्मेलन भिवानी हरियाणा में श्री रमेश टाक जी व जय भगवान प्रजापति जी के आग्रह पर रख दिया। तीसरा राष्ट्रीय सम्मेलन एक साल बाद बाबा बैजनाथ की धरती देवघर में रखा। जहां पर उस सम्मेलन से आई जागृति के बाद स्थानीय समाज का वर्षों पुराना सपना साकार होकर समाज के पांच मंजिला भवन सह छात्रावास की नींव पड़ी जिसकी अब दूसरी मंजिल का कार्य चल रहा है। साथ ही लाडनूं में प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन हुआ व दसवीं बारहवीं क्लास की कोचिंग क्लासेस भी हमारे साथियों द्वारा शुरू की गई। उसके बाद मध्यप्रदेश,छत्तीसगढ़,राजस्थान में भी राष्ट्रीय स्तरीय सम्मेलनों के आयोजन हुए। राजनीति के लिए अलग विंग ऑल इण्डिया कुम्हार प्रजापति पॉलिटिकल फेडरेशन का गठन हुआ। उसके माध्यम से सभी संगठनों के एकीकरण के प्रयास हुए। देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी से मिलकर समाज की राजनैतिक भागीदारी एवम् अन्य समस्याओं पर चर्चा की गई।परिणाम स्वरूप समाज को एक राज्यसभा सांसद व एक दर्जा प्राप्त केंद्रीय मंत्री मिला। समाज के लोगों को विभिन्न पार्टियों से टिकिट के प्रयास किए गए। चुनाव लड़ने वाले समाज के प्रत्याशियों को आर्थिक मदद उपलब्ध करवाई गई।देशभर से विभिन्न चुनाव
लड़ने वाले प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार में फेडरेशन की टीमें गई।
हीरोज ने हर वर्ष एक मिशन हाथ में लिया जिसमे पहले वर्ष नाम में प्रजापति लिखने के लिए लोगों को प्रेरित किया जिसका देशभर में व्यापक असर हुआ और जो लोग जाती नहीं लिखते थे वे नाम के साथ प्रजापति लिखने लगे और जो लोग गोत्र,वर्मा या प्रदेश स्तर पर कुलाल, पंडित,चक्रधारी आदि लिखते थे वे नाम के आगे या पीछे प्रजापति लिखने लगे जिसके कई उदाहरण आज आपके समक्ष भी विराजे है।
दूसरे वर्ष हमने समाज के संत महापुरुषों की जानकारी
समाज में जन जन तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया जिसके तहत देश के हर राज्य में हीरोज द्वारा समाज के संत,महापुरुषों एवम् शहीदों की जयंतियां और पुण्यतिथियाँ मनाई गई और सोसल मीडिया पर व्यापक प्रचार किया गया।जिसके फलस्वरूप आज देश के हर कोने में समाज के संत महापुरुषों एवं शहीदों के बारे में जानकारी बढ़ी और लोग वृहद स्तर पर सभी के दिन धूमधाम से मनाने लगे।
तीसरा वर्ष हमने समाज के पुश्तैनी व्यवसाय मिट्टी कला के लिए समर्पित करते हुए दीवाली से पहले देश भर में
"दीप ज्योति नमस्तूते" के तहत सार्वजनिक स्थलों पर भव्य दीप प्रज्वलन कार्यक्रमों का आयोजन किया।और वो हर वर्ष होते होते विश्व कीर्तिमान बनाने तक पहुंचा।
एक दिन ,एक समय देश के कई राज्यों में दीप प्रज्वलित कर विश्व रिकॉर्ड हीरोज के नाम कराया। उससे पहले वर्ष गुजरात बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका था।
चौथा वर्ष समाज की राजनैतिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किए गए जिसका जिक्र पहले हो चुका है।
पांचवां वर्ष सामाजिक संगठनों के बीच समन्वय बनाने के प्रयास किए गए जिसका परिणाम उन्हीं निकम्मे संगठनों की वजह से निराशाजनक रहे जिनकी शिथिलता की वजह से हीरोज का उदय हुआ। उन्हें सिर्फ संगठनों के पद और अपनी ठेकेदारी कायम रखने के अलावा समाज से कोई मतलब ही नहीं।
छठा वर्ष हमने शिक्षा व रोजगार के लिए समर्पित किया जो की बहुत खर्चीला और मुश्किल टास्क है जिसें एक दो वर्ष में पूरा किया जाना संभव नहीं है। हमने इस वृहद प्रयोजन के लिए हीरोज का एक एक सिंगल पैसा समाज के बच्चों की शिक्षा के लिए संरक्षित करने का निर्णय लिया। जिससे भविष्य में राष्ट्रीय स्तर पर एक शिक्षण संस्थान का निर्माण करने का निश्चय किया गया है।
इसके अलावा समय समय पर समाज के प्रतिभाशाली जरूरतमंद बच्चों की शैक्षिक एवम् खेल जगत की प्रतिभावों को सहयोग करना, आपदाग्रस्त ,बीमार, असहाय परिवारों को मदद करने का कार्य हीरोज साथी आपसी सहयोग से करते रहते है। राष्ट्र के प्रति अपने दायित्व के तहत अपने कर्तव्य के तहत हीरोज की सभी प्रदेशों के साथियों ने कोरोना महामारी के दौरान लोगों को आवागमन,खाद्य सामग्री,इलाज व ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध करवाने का कार्य किया।एवम राष्ट्रीय स्तर पर शहीद दिवस पर सामूहिक रक्तदान का निफा संगठन के साथ मिलकर वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित किया। जिसके लिए हीरोज की सभी राज्य टीमों को कई सम्मान मिले।
साथ ही हीरोज समाज उत्थान में महिलाओं की भागीदारी के लिए भी कृतसंकल्प है उस हेतु हमने राष्ट्रीय स्तर पर समकक्ष महिला प्रकोष्ठ का गठन किया है।जिसकी वर्तमान में सम्माननीय कुसुम गोला जी राष्ट्रीय अध्यक्षा है जिनके नेतृत्व में सभी राज्यों में महिला प्रकोष्ठ की टीमें कार्य कर रही है। जो हमारे मिशंस में बराबर भागीदारी निभाती है।

हम समाज के सर्वांगीण उत्थान के लिए बिना किसी निजी महत्वाकांक्षा के सदैव संकल्पित है। जिसके लिए देश भर के समाज बंधुओं का सहयोग अपेक्षित है।

प्रजापति हीरोज राज्य स्तरीय स्थापना समारोह 29 मई को श्री गंगानगर में

गजसिंहपुर - 
भरतीय प्रजापति हीरोज ऑर्गेनाजेशन कार्यकारणी श्री गंगानगर इकाई की एक मीटिंग आज दिनाक 28-4-2019 को गजसिंहपुर में भूपेन्द्र वर्मा जी
के निवास स्थान पर आयोजित की गई जिसमे 29मई को संगठन के स्थापना दिवस मनाने बाबत चर्चा की गई व् तय किया गया की आने वाली 29 मई को कुम्हार धर्मशाला श्री गंगानगर में संगठन का पांचवा स्थापना दिवस समस्त् कार्यकर्ताओ द्वारा धूमधाम से मनाया जाएगा जिसमे संगठन की राष्ट्रिय व् प्रदेश स्तर के कार्यकता पदाधिकारी शिरकत करेंगे मीटिंग में जिला संयोजक पूर्ण जी घोड़ेला, प्रगतिशील कुम्हार धर्मशाला गंगानगर अध्यक्ष श्री प्रेम जी छपोला , सूरतगढ़ तहसील अध्य्क्ष सतनाम जी घोड़ेला , जिला सचिव विजय लखेसर, प्रदेश सह-सचिव खजान चन्द जी , पूर्व जिला अध्यक्ष जगदीश जी जलन्धरा व मेजबान भूपेंद्र वर्मा जिलाध्यक्ष श्री गंगानगर ,नन्दलाल जी अध्य्क्ष प्रजापति युवा समिति गजसिंहपुर व् अन्य साथी सम्मलित हुए ।इस मोके पर गजसिंहपुर कुम्हार समाज की तरफ से अध्य्क्ष श्री नंदलाल जी द्वारा प्रगतिशील कुम्हार धर्मशाला श्री गंगानगर के नव निर्वाचित अध्य्क्ष श्री प्रेम छपोला जी का माला पहनाकर स्वागत किया गया व् गजसिंह पुर पधारने पर आभार व्यक्त किया bpho की तरफ से भी अध्य्क्ष जी को महाराज दक्ष प्रजापति जी की फ़ोटो स्म्रति रूप में भेंट की गयी
Know about newly appointed national president of Bharatiya prajapati heroes organization regd.

श्री दिनेश प्रजापति

 भारतीय प्रजापति हीरोज ऑर्गेनाइज़ेशन रजि. (प्रजापति हीरोज, शुरुआती नाम) के वो स्तम्भ है जिन्होंने सर्वप्रथम मेरे साथ मिलकर हीरोज की अवधारणा बनाई थी। अब से पहले वे हीरोज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर कार्य कर रहे थे पर वे हमेशा पद व पब्लिसिटी से दूर रहकर कार्य करने में विश्वास रखने वाले व्यक्ति रहे है।
श्री दिनेश प्रजापति जी एक उदार हृदय, बिंदास एवम निर्भीक तथा सादगी में विश्वास रखने वाले व्यक्ति है बनावटीपन से कोसों दूर रहते है। उनका चरित्र ठीक वैसा है जैसा दिखता है वे घर, दोस्तों से लेकर हर जगह अपने बिंदास निश्छल चरित्र में ही रहना पसंद करते है। समाज के प्रति उनका लगाव पारंपरिक है। एवम बचपन से अपने पिताश्री के साथ सामाजिक गतिविधियों में संलग्न रहे है।
आप बाबा महाकाल के अनन्य भक्त एवम प्रवत्ति से धार्मिक व्यक्ति है। बीच मे कुछ समय समाज के नकारात्मक रवैये से क्षुब्ध होकर उन्होंने यह राह छोड़ना  तय कर लिया था पर मेरे सम्पर्क में आने के बाद बड़ी मुश्किल से इन्होंने दोबारा सामाजिक सेवा के क्षेत्र में आना स्वीकार किया।

आज श्री दिनेश प्रजापति जी का परिवार सामाजिक एवम राजनैतिक पृष्ठभूमि वाला परिवार है। कई दिग्गज राजनीतिज्ञों से आपके परिवार के निकट सम्बन्ध है। आपके पिता श्री आदरणीय हुकुम चंद प्रजापति जी प्रजापति समाज राम मंदिर की सम्पूर्ण देखरेख करते है जिसे बहुत संघर्षों के बाद उन्होंने समाज के कब्जे में रखा है जो भोपाल जैसी प्रदेश की राजधानी में समाज के लिए बहुत गौरव की बात है।

श्री दिनेश प्रजापति जी का व्यक्तिगत बायो डाटा:-

दिनेश प्रजापति पिता श्री हुकुमचंद प्रजापति, माँ श्रीमती चंद्रकला प्रजापति जी

निवासी चांदबढ़ भोपाल।

 जन्मतिथि :- 17 जनवरी 1978

 शिक्षा :- ग्रेजुएट (बी. कॉम
 व्यवसाय :- गवर्मेंट कांट्रेक्टर (सिविल वर्क, विद्युतीकरण) 

विवाह :- 1999 में निर्मला प्रजापति से हुआ

पुत्री खुशी प्रजापति
पुत्र यशवर्धन , राजवर्धन

 सामाजिक सफर :- वर्ष 1996 - 2001 तक पिता श्री हुकुमचंद प्रजापति जी के द्वारा प्रजापति समाज की ईंट भट्ठों एवं परंपरागत व्यवसाय से संबंधित परेशानियों के निराकरण हेतु विभिन्न जिलों भोपाल, होशंगाबाद, सीहोर, आष्टा, उज्जैन एवं अधिकांश मध्यप्रदेश में शासकीय विभागों से राहत के कार्यो आंदोलनों में जमीनी स्तर पर निराकरण में शामिल रहे।

वर्ष:- 1996 के उत्तरार्ध से 1997 अविभाजित मध्यप्रदेश में कुम्हार प्रजापति समाज को परंपरागत व्यवसाय में आ रही समस्याओं के निराकरण हेतु पिता श्री हुकुमचंद प्रजापति जी ने भोपाल संभाग प्रजापति संघ द्वारा सघन प्रयासों में सम्लित रहे तत्कालीन ऊर्जा मंत्री मान. नर्मदा प्रसाद प्रजापति जी के अथक प्रयासों से राज्य शासन द्वारा प्रजापति समाज को ईंट भट्ठा एवं पारंपरिक व्यवसाय हेतु ऐतिहासिक रायल्टी छूट के प्रयासों में भागीदारी की

शासन से मिली रॉयल्टी छूट  के गजट नोटिफिकेशन को समाज बंधुओं तक पहुंचाने के लिए प्रजापति दर्पण पत्रिका की दस हजार प्रतियो का संपूर्ण मध्यप्रदेश में निःशुल्क वितरण किया।

वर्ष 2014 से BPHO (R.) के माध्यम से समाज सेवा में सक्रिय

2018 के विधानसभा चुनावों में टिकिट वितरण में ऑल इंडिया कुम्हार प्रजापति पोलिटिकल फेडरेशन के माध्यम से विभिन्न राजनीतिक दलों से प्रजापति समाज के उम्मीदवारों को टिकिट दिलवाने के प्रयास एवं विभिन्न दलों से उम्मीदवार बने प्रजापति समाज बंधुओं के चुनावी क्षेत्रों में AIKPPF के पदाधिकारियों के साथ  जनसम्पर्क में सक्रिय रहे

पद्मश्री डॉ रत्नपा कुंभार को उनकी पूण्य तिथि

भारतीय सविंधान निर्मात्री सभा के सदस्य पद्मश्री डॉ रत्नपा कुंभार को उनकी पूण्य तिथि पर भारतीय प्रजापति हीरोज ऑर्गनाइजेसन की तरफ से शत् शत्

प्रजापति रत्न, पदम्श्री रत्ननपा कुम्हार जिन्होने ब्रिटिश शासन की जंजीरो में जकड़े भारत को आजाद कराने के लिए "प्रजा परिषद्" का निर्माण व कुशल नेतृत्व कर, संघर्ष की नींव रख, इसी संस्था के बैनर तले क्रांति का बिगुल फूका और सफलतापूर्वक सगठन एवं शक्ति का नेतृत्व किया। 
डा.रत्ननपा कुम्हार का जन्म 15,सितंबर 1909 को कोल्हापुर के निमशिर गांव (महाराष्ट्र ) मे हुआ था।
युवावस्था मे ही उन्होंने गरीब, मजलूम वर्गो को गोलबंद कर, असमानता के विरुद्ध ब्रिटिश शासन का सम्पूर्ण शक्ति से विरोध करते रहे। आप गरीबो, पिछडॉ  व शोषित वर्ग के  हक के लिए जीवन पर्यन्त  संघर्ष करते रहे। आजाद भारत मे आप संविधान सभा के सम्मानित सदस्य रहे।
भारतीय संविधान सभा के सदस्य डा.रत्ननपा कुम्हार संविधान के अन्तिम ड्राफ्ट पर डा.भीमराव अंबेडकर के साथ हस्ताक्षर करने वाले व्यक्ति थे जो संविधान सभा समिति मे पिछड़ी जातियो के प्रतिनिधि के तौर पर एकमात्र सदस्य थे।

"डा.रत्ननपा कुम्हार "आजाद भारत के प्रथम लोकसभा चुनाव मे 1952 मे इच्छारकलंजी संसदीय क्षेत्र से लोकसभा सदस्य चुने गए ।
आपने महाराष्ट्र सरकार मे वर्ष 1974 व 1978 मे गृह व नागरिक आपूर्ति  केबिनेट मन्त्री के रूप मे सफलतापूर्वक रूप से कार्य किया।
डा.रत्ननपा कुम्हार का पुरा नाम  डा.रत्ननपा भरमप्पा कुम्हार था।
डा.रत्ननपा कुम्हार को महाराष्ट्र में "सहकारी आन्दोलन के जनक " के रूप में जाना जाता है ।

इचलकंरजी शुगर मिल डा.रत्ननपा कुम्हार की ही देन है ।
उत्पीडित, शोषित वर्ग के हितैषी "डा.रत्ननपा कुम्हार " को समाजिक कार्यो के लिए "1985"मे"" पदमश्री "" सम्मान से सम्मानित किया गया ।
देशभक्त रत्ननपा कुम्हार निधन आज ही के दिन 23 दिसंबर 1998  को हुआ था। उनका अंतिम संस्कार पुरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया।

"डा.रत्ननपा कुम्हार " के नाम पर महाराष्ट्र सरकार ने कोल्हापुर मे "देशभक्त रत्ननपा कुम्हार कालेज ऑफ कॉमर्स"
की स्थापना की।
आपके नाम पर
"देशभक्त रत्ननपा कुम्हार नगर" जो एशिया की सबसे बड़ी आवासीय सोसायटी है कोल्हापुर महाराष्ट्र मे स्थित है ।
आपको पुनः शत शत नमन, कोटि कोटि वन्दन।
जय प्रजापति समाज, जय श्री दक्ष।

मिशन माटी दीप

प्रजापति हीरोज अनुपगढ़ टीम

मिशन माटी दीप

रेलवे स्टेशन अनूपगढ़

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Thanks& Salute for BPHO

प्रजापति हीरोज के संस्थापक सदस्यों का बहुत बहुत धन्यवाद जो आप ने हीरोज जेसा प्लेटफार्म प्रदान किया और इससे जुड़ कर समाज सेवा का अवसर प्रदान किया ।


हीरोज मेरा पहला सामाजिक संगठन है जिस से में जुड़ा ।

और सदैव जुड़े रेहंगे और अपने भाइयों स्वर्णिम समाज प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास करते रेहंगे ।


मैंने प्रजापति हीरोज संगठन 2014 में ज्वाइन किया शुरू में हीरोज से जुड़ने के बाद मेरा टारगेट यही था कि जहाँ में निवास कर रहा हूँ वहां प्रजापत और कुम्हार दोनों के भेदभाव दूर कर सकू काफी हद तक सफलता भी मिली है।




इन सब के लिए Thanks& Salute for BPHO

विजय लखेसर प्रजापति
अनुपगढ़ श्री गंगानगर

रक्षा-सूत्र बांध प्रजापति हीरोज ने ली अपने समाज को एक सूत्र में बंधने की शपथ

पुराणों में ऐसी भी मान्यता है कि महर्षि दुर्वासा ने ग्रहों के प्रकोप से बचने हेतु रक्षाबंधन की व्यवस्था दी थी। महाभारत युग में भगवान श्रीकृष्ण ने भी ऋषियों को पूज्य मानकर उनसे रक्षा-सूत्र बँधवाने को आवश्यक समझा था ताकि ऋषियों के तप बल से भक्तों की रक्षा की जा सके।

आज हम आप युवाओं से समाज की रक्षा का वचन मांगते हुए एक रक्षा सूत्र आप सब को भेज रहे है जो समाज का हर युवा अपनी कलाई से बांधकर यह संकल्प करें कि 
"मैं बिना किसी सांगठनिक, वर्गीय या दलीय भेदभाव के समाज के गौरव को बढ़ाने और राष्ट्र के पटल पर उसके स्वाभिमान को स्थापित करने हेतू हर सम्भव प्रयास करूंगा एवम समाज के नाम पर अपना व्यक्तिगत हित साधने की कोशीष करने वाले हर दल, व्यक्ति या सन्गठन का पुरजोर विरोध करूंगा।

हीरोज साथी आज से ही साधारण आयोजन कर यह रक्षासूत्र समाज के युवाओं को बांधकर यह संकल्प करवाएं। भले वो हीरोज से जुड़े हुए हों या ना हो। हीरोज साथी समाज को सन्गठन से ऊपर समझें।


सभी देशवासियों व समाजबंधुओं को रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ |