पद्मश्री डॉ रत्नपा कुंभार को उनकी पूण्य तिथि

भारतीय सविंधान निर्मात्री सभा के सदस्य पद्मश्री डॉ रत्नपा कुंभार को उनकी पूण्य तिथि पर भारतीय प्रजापति हीरोज ऑर्गनाइजेसन की तरफ से शत् शत्

प्रजापति रत्न, पदम्श्री रत्ननपा कुम्हार जिन्होने ब्रिटिश शासन की जंजीरो में जकड़े भारत को आजाद कराने के लिए "प्रजा परिषद्" का निर्माण व कुशल नेतृत्व कर, संघर्ष की नींव रख, इसी संस्था के बैनर तले क्रांति का बिगुल फूका और सफलतापूर्वक सगठन एवं शक्ति का नेतृत्व किया। 
डा.रत्ननपा कुम्हार का जन्म 15,सितंबर 1909 को कोल्हापुर के निमशिर गांव (महाराष्ट्र ) मे हुआ था।
युवावस्था मे ही उन्होंने गरीब, मजलूम वर्गो को गोलबंद कर, असमानता के विरुद्ध ब्रिटिश शासन का सम्पूर्ण शक्ति से विरोध करते रहे। आप गरीबो, पिछडॉ  व शोषित वर्ग के  हक के लिए जीवन पर्यन्त  संघर्ष करते रहे। आजाद भारत मे आप संविधान सभा के सम्मानित सदस्य रहे।
भारतीय संविधान सभा के सदस्य डा.रत्ननपा कुम्हार संविधान के अन्तिम ड्राफ्ट पर डा.भीमराव अंबेडकर के साथ हस्ताक्षर करने वाले व्यक्ति थे जो संविधान सभा समिति मे पिछड़ी जातियो के प्रतिनिधि के तौर पर एकमात्र सदस्य थे।

"डा.रत्ननपा कुम्हार "आजाद भारत के प्रथम लोकसभा चुनाव मे 1952 मे इच्छारकलंजी संसदीय क्षेत्र से लोकसभा सदस्य चुने गए ।
आपने महाराष्ट्र सरकार मे वर्ष 1974 व 1978 मे गृह व नागरिक आपूर्ति  केबिनेट मन्त्री के रूप मे सफलतापूर्वक रूप से कार्य किया।
डा.रत्ननपा कुम्हार का पुरा नाम  डा.रत्ननपा भरमप्पा कुम्हार था।
डा.रत्ननपा कुम्हार को महाराष्ट्र में "सहकारी आन्दोलन के जनक " के रूप में जाना जाता है ।

इचलकंरजी शुगर मिल डा.रत्ननपा कुम्हार की ही देन है ।
उत्पीडित, शोषित वर्ग के हितैषी "डा.रत्ननपा कुम्हार " को समाजिक कार्यो के लिए "1985"मे"" पदमश्री "" सम्मान से सम्मानित किया गया ।
देशभक्त रत्ननपा कुम्हार निधन आज ही के दिन 23 दिसंबर 1998  को हुआ था। उनका अंतिम संस्कार पुरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया।

"डा.रत्ननपा कुम्हार " के नाम पर महाराष्ट्र सरकार ने कोल्हापुर मे "देशभक्त रत्ननपा कुम्हार कालेज ऑफ कॉमर्स"
की स्थापना की।
आपके नाम पर
"देशभक्त रत्ननपा कुम्हार नगर" जो एशिया की सबसे बड़ी आवासीय सोसायटी है कोल्हापुर महाराष्ट्र मे स्थित है ।
आपको पुनः शत शत नमन, कोटि कोटि वन्दन।
जय प्रजापति समाज, जय श्री दक्ष।