रक्षा-सूत्र बांध प्रजापति हीरोज ने ली अपने समाज को एक सूत्र में बंधने की शपथ

पुराणों में ऐसी भी मान्यता है कि महर्षि दुर्वासा ने ग्रहों के प्रकोप से बचने हेतु रक्षाबंधन की व्यवस्था दी थी। महाभारत युग में भगवान श्रीकृष्ण ने भी ऋषियों को पूज्य मानकर उनसे रक्षा-सूत्र बँधवाने को आवश्यक समझा था ताकि ऋषियों के तप बल से भक्तों की रक्षा की जा सके।

आज हम आप युवाओं से समाज की रक्षा का वचन मांगते हुए एक रक्षा सूत्र आप सब को भेज रहे है जो समाज का हर युवा अपनी कलाई से बांधकर यह संकल्प करें कि 
"मैं बिना किसी सांगठनिक, वर्गीय या दलीय भेदभाव के समाज के गौरव को बढ़ाने और राष्ट्र के पटल पर उसके स्वाभिमान को स्थापित करने हेतू हर सम्भव प्रयास करूंगा एवम समाज के नाम पर अपना व्यक्तिगत हित साधने की कोशीष करने वाले हर दल, व्यक्ति या सन्गठन का पुरजोर विरोध करूंगा।

हीरोज साथी आज से ही साधारण आयोजन कर यह रक्षासूत्र समाज के युवाओं को बांधकर यह संकल्प करवाएं। भले वो हीरोज से जुड़े हुए हों या ना हो। हीरोज साथी समाज को सन्गठन से ऊपर समझें।