हीरोज संगठन बनाने की आवश्यकता क्यों पड़ी
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आज अकसर हमें यह बात हर कहीं सुनने को मिल जायेगी कि जब समाज में इतने संगठन पहले से बने हुए है तो एक और नया संगठन बनाने की क्या आवश्यकता है।
यह सही भी है कि जब हीरोज की स्थापना की गई तब देश में प्रजापति समाज के राष्ट्रीय स्तर पर चार से पांच संगठन पहले से मौजूद थे। पर संगठनों का होना तब तक कोई मायने नहीं रखता जब तक वे आम समाजी की पहुंच में नहीं हो और आम समाजी के कोई काम नहीं आए।
आप हम में कई लोग ऐसे होंगे जो सामाजिक कार्यों में रुचि तो रखते थे पर उन्हें कोई ऐसा प्लेटफार्म नहीं मिला जिसके माध्यम से वे सामाजिक कार्य कर सके। क्योंकि जो संगठन वर्षों से बने हुए थे उनका काम बड़े लोगों से संपर्क बनाना, अपनी पद पिपासा को शांत करना,और अपने निजी कार्य सिद्ध करना मात्र था। उन्होंने कभी आम समाजी को न अपने संगठनों से जोड़ा और न आम समाजी की तकलीफों को दूर करने और समाज के सामाजिक,व्यवसायिक,राजनैतिक ,शैक्षणिक या रोजगार के लिए कोई प्रयास किए।
दो हजार ग्यारह,बारह , तेरह के सालों में सोसल मीडिया का प्रसार हुआ। समाज के लोग सोसल मीडिया के माध्यम से आपस में जुड़ने लगे। सामाजिक गतिविधियों की खबरों का आदान प्रदान होने लगा तो विभिन्न सामाजिक संगठनों की भी कलईयां खुलने लगी।उनके अंतरद्वंद सार्वजनिक होने लगे। रोज के आपसी झगड़े खुलकर सोसल मीडिया में दुनियां के सामने उजागर हुए तो उन संगठनों की असलियत से सब लोग परिचित भी हुए।
ऐसे में हमारे कुछ साथी जो आज इस संगठन के संस्थापकों के रूप में आपके समक्ष है उन्होंने सोसल मीडिया पर आ रहे ऐसे समाचारों पर दुख व्यक्त करते हुए। समाज को एक साफ स्वच्छ शिक्षित और सकारात्मक सोच का संगठन देने का निश्चय किया। और सोसल मीडिया पर ही इस तरह की सोच के आठ दस लोगों ने मिलकर राष्ट्रीय स्तर पर यह संगठन बनाना सुनिश्चित किया। जिसकी रूपरेखा, नाम, लोगो आदि तैयार करने का सौभाग्य मुझे मिला। हमने संपर्क बढ़ाने शुरू किए और तीन महीने के अंदर अंदर समान सोच के पच्चीस तीस साथी हमें देशभर से मिल गए।
सर्वप्रथम हमने उन सब के साथ "प्रजापति हीरोज" नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जिसका लोगों मेरे द्वारा सुझाए अनुसार हमारे सबसे छोटी उम्र के संस्थापक साथी होशियार सिंह प्रजापति जी सोहना नूह हरियाणा ने बनाया जो एक अखबार में इमेज डिजाइनर थे।
हीरोज की गतिविधियां और कार्य प्रणाली
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क्योंकि हमारे कोई भी साथी एक दूसरे से रूबरू नहीं मिले हुए थे तो गठन होने के बाद सभी ने एक राष्ट्रीय स्तरीय सम्मेलन कर मिलने का कार्यक्रम बनाया । जिसके लिए देश के सभी राज्यों के लोग जहां निवास करते हो ऐसे शहर सूरत को हमने इस कार्यक्रम के लिए चुना।
उस समय तक हीरोज में सूरत से कोई सदस्य नहीं था। लेकिन हमारी सोसल मीडिया पर सामाजिक चिंतन की पोस्ट्स देश भर के लोग देखते थे जिसकी कमान मैने, आदरणीय के डी सिंह जी व दिनेश भाई भोपाल ने संभाल रखी थी। उसे देखकर श्री पंकज कुम्भार सूरत ने इस आयोजन की व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी उठाने का प्रस्ताव हमें दिया। हमने सूरत में आयोजन की तिथि की घोषणा कर दी। वहां हमें कई नए साथी मिले जिनसे संगठन और मजबूत हुआ। उसके चार महीने बाद ही हमने दूसरा राष्ट्रीय स्तरीय सम्मेलन भिवानी हरियाणा में श्री रमेश टाक जी व जय भगवान प्रजापति जी के आग्रह पर रख दिया। तीसरा राष्ट्रीय सम्मेलन एक साल बाद बाबा बैजनाथ की धरती देवघर में रखा। जहां पर उस सम्मेलन से आई जागृति के बाद स्थानीय समाज का वर्षों पुराना सपना साकार होकर समाज के पांच मंजिला भवन सह छात्रावास की नींव पड़ी जिसकी अब दूसरी मंजिल का कार्य चल रहा है। साथ ही लाडनूं में प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन हुआ व दसवीं बारहवीं क्लास की कोचिंग क्लासेस भी हमारे साथियों द्वारा शुरू की गई। उसके बाद मध्यप्रदेश,छत्तीसगढ़,राजस्थान में भी राष्ट्रीय स्तरीय सम्मेलनों के आयोजन हुए। राजनीति के लिए अलग विंग ऑल इण्डिया कुम्हार प्रजापति पॉलिटिकल फेडरेशन का गठन हुआ। उसके माध्यम से सभी संगठनों के एकीकरण के प्रयास हुए। देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी से मिलकर समाज की राजनैतिक भागीदारी एवम् अन्य समस्याओं पर चर्चा की गई।परिणाम स्वरूप समाज को एक राज्यसभा सांसद व एक दर्जा प्राप्त केंद्रीय मंत्री मिला। समाज के लोगों को विभिन्न पार्टियों से टिकिट के प्रयास किए गए। चुनाव लड़ने वाले समाज के प्रत्याशियों को आर्थिक मदद उपलब्ध करवाई गई।देशभर से विभिन्न चुनाव
लड़ने वाले प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार में फेडरेशन की टीमें गई।
हीरोज ने हर वर्ष एक मिशन हाथ में लिया जिसमे पहले वर्ष नाम में प्रजापति लिखने के लिए लोगों को प्रेरित किया जिसका देशभर में व्यापक असर हुआ और जो लोग जाती नहीं लिखते थे वे नाम के साथ प्रजापति लिखने लगे और जो लोग गोत्र,वर्मा या प्रदेश स्तर पर कुलाल, पंडित,चक्रधारी आदि लिखते थे वे नाम के आगे या पीछे प्रजापति लिखने लगे जिसके कई उदाहरण आज आपके समक्ष भी विराजे है।
दूसरे वर्ष हमने समाज के संत महापुरुषों की जानकारी
समाज में जन जन तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया जिसके तहत देश के हर राज्य में हीरोज द्वारा समाज के संत,महापुरुषों एवम् शहीदों की जयंतियां और पुण्यतिथियाँ मनाई गई और सोसल मीडिया पर व्यापक प्रचार किया गया।जिसके फलस्वरूप आज देश के हर कोने में समाज के संत महापुरुषों एवं शहीदों के बारे में जानकारी बढ़ी और लोग वृहद स्तर पर सभी के दिन धूमधाम से मनाने लगे।
तीसरा वर्ष हमने समाज के पुश्तैनी व्यवसाय मिट्टी कला के लिए समर्पित करते हुए दीवाली से पहले देश भर में
"दीप ज्योति नमस्तूते" के तहत सार्वजनिक स्थलों पर भव्य दीप प्रज्वलन कार्यक्रमों का आयोजन किया।और वो हर वर्ष होते होते विश्व कीर्तिमान बनाने तक पहुंचा।
एक दिन ,एक समय देश के कई राज्यों में दीप प्रज्वलित कर विश्व रिकॉर्ड हीरोज के नाम कराया। उससे पहले वर्ष गुजरात बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका था।
चौथा वर्ष समाज की राजनैतिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किए गए जिसका जिक्र पहले हो चुका है।
पांचवां वर्ष सामाजिक संगठनों के बीच समन्वय बनाने के प्रयास किए गए जिसका परिणाम उन्हीं निकम्मे संगठनों की वजह से निराशाजनक रहे जिनकी शिथिलता की वजह से हीरोज का उदय हुआ। उन्हें सिर्फ संगठनों के पद और अपनी ठेकेदारी कायम रखने के अलावा समाज से कोई मतलब ही नहीं।
छठा वर्ष हमने शिक्षा व रोजगार के लिए समर्पित किया जो की बहुत खर्चीला और मुश्किल टास्क है जिसें एक दो वर्ष में पूरा किया जाना संभव नहीं है। हमने इस वृहद प्रयोजन के लिए हीरोज का एक एक सिंगल पैसा समाज के बच्चों की शिक्षा के लिए संरक्षित करने का निर्णय लिया। जिससे भविष्य में राष्ट्रीय स्तर पर एक शिक्षण संस्थान का निर्माण करने का निश्चय किया गया है।
इसके अलावा समय समय पर समाज के प्रतिभाशाली जरूरतमंद बच्चों की शैक्षिक एवम् खेल जगत की प्रतिभावों को सहयोग करना, आपदाग्रस्त ,बीमार, असहाय परिवारों को मदद करने का कार्य हीरोज साथी आपसी सहयोग से करते रहते है। राष्ट्र के प्रति अपने दायित्व के तहत अपने कर्तव्य के तहत हीरोज की सभी प्रदेशों के साथियों ने कोरोना महामारी के दौरान लोगों को आवागमन,खाद्य सामग्री,इलाज व ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध करवाने का कार्य किया।एवम राष्ट्रीय स्तर पर शहीद दिवस पर सामूहिक रक्तदान का निफा संगठन के साथ मिलकर वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित किया। जिसके लिए हीरोज की सभी राज्य टीमों को कई सम्मान मिले।
साथ ही हीरोज समाज उत्थान में महिलाओं की भागीदारी के लिए भी कृतसंकल्प है उस हेतु हमने राष्ट्रीय स्तर पर समकक्ष महिला प्रकोष्ठ का गठन किया है।जिसकी वर्तमान में सम्माननीय कुसुम गोला जी राष्ट्रीय अध्यक्षा है जिनके नेतृत्व में सभी राज्यों में महिला प्रकोष्ठ की टीमें कार्य कर रही है। जो हमारे मिशंस में बराबर भागीदारी निभाती है।
हम समाज के सर्वांगीण उत्थान के लिए बिना किसी निजी महत्वाकांक्षा के सदैव संकल्पित है। जिसके लिए देश भर के समाज बंधुओं का सहयोग अपेक्षित है।